खाने को मिलता रहे माल!
शुभ हो सबको यह नया साल!!
स्वस्थ रहें नर और नारी,
सन्तान रहें आज्ञाकारी,
कचरा नहीं बीने कोई बाल!
शुभ हो सबको यह नया साल!!
♥ अब देखिए आज के चित्र पर कविता ♥
छील पेंसिल को मैंने इस कागज पर चिपकाया है।
देखो मम्मी मैंने कितना सुन्दर चित्र बनाया है।।
हरे रंग से पौधे में पत्तियाँ बनाई।
लाल रंग से इसमें कलियाँ बहुत सजाई।।
छीलन को चिपकाकर मोहक फूल खिलाए।
मेरी चित्रकला सबका मन बहुत लुभाए।।
सुमनो से बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं होता।
इन्हें देखकर रोता बालक भी चुप होता।।
लिखना सदा सुलेख, मनोरम चित्र बनाना।
बैर-भाव को भूल सभी को मित्र बनाना।।
चित्रांकन-प्रांजल
नववर्ष स्वजनों सहित मंगलमय हो आपको । सादर - आशुतोष मिश्र
जवाब देंहटाएंआपको तथा आपके पूरे परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंsundar bal kavita.
जवाब देंहटाएंnav varsh shubh ho.
बहुत सुन्दर कलाकारी ...खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनाएँ
नए साल की पहली पोस्ट.प्यारी रचना....अच्छी लगी.
जवाब देंहटाएंनव वर्ष पर आपको ढेर सारी बधाइयाँ.
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'पाखी की दुनिया' में नए साल का पहला दिन.
नव वर्ष मंगलमय हो !
जवाब देंहटाएं-ज्ञानचंद मर्मज्ञ