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25 मार्च, 2011

"बिन ईंधन के चलती जाती" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

मेरी साईकिल
दो चक्कों की प्यारी-प्यारी।
आओ इस पर करें सवारी।।

साईकिल की शान निराली।
इसकी चाल बहुत मतवाली।।

बस्ते का यह भार उठाती।
मुझको विद्यालय पहुँचाती।।

पैडल मारो जोर लगाओ।
मस्त चाल से इसे चलाओ।।

सड़क देख कर खूब मचलती।
पगडण्डी पर सरपट चलती।

हटो-बचो मत शब्द पुकारो।
भीड़ देखकर घण्टी मारो।।

अच्छे अंक क्लास में लाओ।
छुट्टी में इसको टहलाओ।।

यह पैट्रोल नहीं है खाती।
बिन ईंधन के चलती जाती।।

14 मार्च, 2011

"मैं हूँ आप सबकी प्यारी प्राची"


आज 14 मार्च है!
यानि मेरी 6वीं वर्षगाँठ!
इस अवसर पर मेरे परिवार ने मिलकर
भारतीय संस्कृति के अनुसार
मेरा जन्मदिवस मनाया!
सबसे पहले आम के लट्ठे को छीलकर
यज्ञ करने के लिए समिधाएँ बनाई गईं!
अब बाबा जी ने हवन किया! 
यज्ञ के पश्चात मैंने हाथ जोड़कर
सबको अभिवादन किया!
इस अवसर पर मेरे बहुत से दोस्त भी आये थे!
उनको मैंने जलपान भी कराया!
आधुनिकता में भी मैं किसी से कम नहीं हूँ!
मैंने भी मिल्क-केक काटा!
सबसे पहले मेरे बड़े दादा जी ने मुझे आशीर्वाद दिया!
अब बड़ी दादी जी ने मुझको तिलक किया!
मेरे प्यारे बाबा जी ने मुझे ढेर सारा प्यार करते हुए,
अपना आशीर्वाद दिया!
मेरी दादी मुझे बहुत प्यार करतीं हैं।
उन्होंने भी गिफ्ट दिया!
मेरे पापा सबसे अच्छे है!
उन्होंने भी मेरा मंगल तिलक किया!
और मम्मी जी ने भी मुझे तिलक लगाया!
 मेरे प्यारे चाचा तो मुझे सबसे ज्यादा प्यार करते है!
उन्होंने मुझे सबसे बढ़िया गिफ्ट दिया!
इस प्रकार मेरा जन्मदिन 
सबने बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया!
मैं हूँ आप सबकी प्यारी कु. प्राची

"जन्मदिन की बधाई" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

आज मेरा जन्म-दिवस है!
आज तुम्हारी वर्षगाँठ को,
मिल कर सभी मनायेंगे।
जन्मदिवस पर प्यारी बिटिया को,
हम बहुत सजाएँगे।।

मम्मी-पापा हर्षित होकर,
लायेंगे उपहार बहुत,
जो तुमको अच्छे लगते हैं,
वस्त्र वही दिलवायेंगे।

होली की पिचकारी के संग,
रंग सलोने भी होंगे,
गुब्बारे और खेल-खिलोने,
सुन्दर-सुन्दर लाएँगे।।

इष्ट-मित्र और सम्बन्धी भी,
देंगे शुभ-आषीष तुम्हें,
इस पावन वेला पर घर में,
यज्ञ-हवन करवायेंगे।

दादा-दादी की बगिया की,
तुम ही तो फुलवारी हो,
खुशी-खुशी प्यारी प्राची को,
हँस कर गले लगायेंगे।
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मेरी पिछली वर्ष मनाई गई
सालगिरह के कुछ चित्र
बड़े दादा-दादी जी,
मेरे नन्हें दोस्त
और मेरा पूरा परिवार
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मम्मी बैठीं है, पापा गुब्बारा फुला रहे हैं!
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पापा मंगल तिलक लगा रहें हैं
और भइया प्रांजल साथ में खड़े हैं!
दादी मोबाइल कान में लगाएँ हैं
और बाबा जी आशीर्वाद दे रहे हैं!
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विनीत चाचा जी ने तो मुझे
प्यार से गोद में ही उठा लिया है!
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पीछे मेरी परदादी हैं और बनबसा से
मेरे ताऊ जी आये हैं!
मैं कितनी खुश हूँ न आज!

12 मार्च, 2011

"मुझको पतंग बहुत भाती है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")


नभ में उड़ती इठलाती है।
मुझको पतंग बहुत भाती है।।

रंग-बिरंगी चिड़िया जैसी,
लहर-लहर लहराती है।।

कलाबाजियाँ करती है जब,
मुझको बहुत लुभाती है।।

इसे देखकर मुन्नी-माला,
फूली नहीं समाती है।।

पाकर कोई सहेली अपनी,
दाँव-पेंच दिखलाती है।।

मुझको बहुत कष्ट होता है।
जब पतंग कट जाती है।।

10 मार्च, 2011

"होली का मौसम अब आया" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

रंग-गुलाल साथ में लाया।
होली का मौसम अब आया।
पिचकारी फिर से आई हैं,
बच्चों के मन को भाई हैं,
तन-मन में आनन्द समाया।
होली का मौसम अब आया।।
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गुझिया थाली में पसरी हैं,
पकवानों की महक भरी हैं, 
मठरी ने मन को ललचाया।
होली का मौसम अब आया।।
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बरफी की है शान निराली,
भरी हुई है पूरी थाली,
अम्मा जी ने इसे बनाया।
होली का मौसम अब आया।।
मम्मी बोली पहले खाओ,
उसके बाद खेलने जाओ,
सूरज ने मुखड़ा चमकाया।
होली का मौसम अब आया।

05 मार्च, 2011

"मन का आँगन है महका" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")


 

5 मार्च को इस बगिया में, सुमन खिला है प्यारा।
किलकारी से गूँजा फिर से, सूना भवन हमारा।।



उपवन में छा गई बहारें, रंग बसन्ती चहका,
निश्छल प्यारी बातों से, मन का आँगन है महका,
कुल दीपक आया है घर में, बन करके ध्रुव तारा।
किलकारी से गूँजा फिर से, सूना भवन हमारा।।



नीरस जीवन सरस हुआ है, अच्छी लगती दुनिया,
कुछ वर्षों के बाद, हमारे घर में आयी मुनिया,
प्रांजल-प्राची के आने से, दूर हुआ दुख सारा।
किलकारी से गूँजा फिर से, सूना भवन हमारा।।



छोटे-बड़े सभी उत्सव, हम इनके साथ मनाते हैं
बच्चों के संग में रह कर,हम भी बच्चे बन जाते हैं,
सुख का सूरज लेकर आया, है जग में उजियारा।
किलकारी से गूँजा फिर से, सूना भवन हमारा।।



जन्मदिवस पर तुम्हें कीमती, देता हूँ सौगातें,
घर के बड़े-बुजुर्गों की, तुम सदा मानना बातें,
माता-पिता, गुरू का आदर करना धर्म तुम्हारा। 
किलकारी से गूँजा फिर से, सूना भवन हमारा।।


प्रिय पौत्र पांजल को
जन्म दिन पर
दादा जी का शुभाशीर्वाद!