आओ दोनों झूला झूलें।
खिड़की-दरवाजों को छू लें।।
मिल-जुलकर हम मौज मनाएँ।
जोर-जोर से गाना गाएँ।।
माँ कहती मत शोर मचाओ।
जल्दी से विद्यालय जाओ।।
मम्मी आज हमारा सण्डे।
सण्डे को होता होलीडे।।
नाहक हमको टोक रही क्यों?
हमें खेल से रही क्यो??
गीत-कहानी तो कहने दो।
थोड़ी देर हमें रहने दो।।
..यहाँ तो खूब मस्ती हो रही है. प्यारा बाल-गीत..बधाई.
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'पाखी की दुनिया' में 'बापू जी के साथ"
बहुत बढ़िया मौज मस्ती वाली कविता ..
जवाब देंहटाएंरोचक । बाल मन को छूती सुंदर कविता ।
जवाब देंहटाएंmast hai hum masti mein...
जवाब देंहटाएंवाह वाह करे जाओ मौज मस्ती…………बहुत ही बढिया रचना।
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