मेरे पापा गये हुए थे,
परसों नैनीताल।
मेरे लिए वहाँ से लाए,
वो यह मीठा माल।।
खोए से यह बनी हुई है,
जो टॉफी का स्वाद जगाती।
मीठी-मीठी बॉल लगी हैं,
खोए से यह बनी हुई है,
जो टॉफी का स्वाद जगाती।
मीठी-मीठी बॉल लगी हैं,
मुझको बहुत पसंद है आती।।
कभी पहाड़ों पर जाओ तो,
इसको भी ले आना भाई।
भूल न जाना खास चीज है,
अल्मौड़ा की बॉलमिठाई।।
कभी पहाड़ों पर जाओ तो,
इसको भी ले आना भाई।
भूल न जाना खास चीज है,
अल्मौड़ा की बॉलमिठाई।।
रक्षाबन्धन के अवसर पर,
यह मेरे भइया ने खाई।
उसके बाद बहुत खुश होकर,
मुझसे राखी भी बंधवाई।।
आपकी बाल कविताएं मुझे बेहद प्रिय हैं।
जवाब देंहटाएंwaah man meetha ho gayaa,shabdon se aur mithai se v bahut pasand hai mujhe bhi bal mithai...
जवाब देंहटाएंyeh almaodaa ki mithayi hmem kab khane ko milegi jnab .akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बाल गीत...आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर बाल गीत... अल्मौड़ा की बॉलमिठाई मुझे भी अच्छी लगती है..।
जवाब देंहटाएंZarur layenge ball mithai .
जवाब देंहटाएंNice post .
अरे वाह...मुंह में पानी आ गया .... हैप्पी राखी
जवाब देंहटाएंSUNDER BAL KVITA
जवाब देंहटाएंरक्षाबन्धन की शुभकामनाएँ
कौन कहता है कि यह बाल गीत है। मुझे तो यह गाने में मानसिक सुख प्राप्त हुआ।
जवाब देंहटाएंबॉलमिठाई मुझे भी प्रिय है ,इसका स्वाद ले चुका हूं । सुंदर बॉलमिठाई-गीत
जवाब देंहटाएंजो स्वाद हमें बचपन में भाया हो, उसका मन में सारी उम्र एक विषेश स्थान रहता है!
जवाब देंहटाएंनैनीताल में कहाँ मिलती है, यह भी बता दें, जिससे खरीदने में आसानी होगी।
जवाब देंहटाएंआप बच्चों के लिए भी उतनी ही सुन्दर रचना कर लेते हैं जितनी बड़ों के लिए ! कमाल है. आपकी लेखनी को सलाम.
जवाब देंहटाएंश्री मान जी नमस्कार
जवाब देंहटाएंबाल कविता बहुत अच्छी लगी बॉलमिठाई कभी
खाई नहीं है कभी चक्कर लगेगा तो जरुर खाऊंगा
बहुत सुन्दर बाल गीत...आभार
जवाब देंहटाएंये तो मेरी मन पसंद मिठाई है..गाँव जाते समय रामनगर से ले जाना नहीं भूलती..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लगा मिठाई और गीत गीत पढ़कर...खुशबु से आ गयी ...
प्रस्तुति के लिए आभार!