गोल-गोल हैं, रंग बैंगनी,
बैंगन नाम हमारा है।
सुन्दर-सुन्दर रूप हमारा,
सबको लगता प्यारा है।।
कुछ होते हैं लम्बे-लम्बे,
कुछ होते हैं श्वेत-धवल।
कुछ होते हैं टेढ़े-मेढ़े,
कुछ होते हैं बहुत सरल।
सभी जगह पर थाली के
बैंगन ही बिकने आते है।
चापलूस लोगों से तो,
सब ही धोखा खा जाते हैं।
इनका भरता बना-बनाकर,
चटकारे ले-लेकर खाना।
किन्तु कभी अपने जीवन में,
खुदगर्ज़ों को मुँह न लगाना।।
बैंगन नाम हमारा है।
सुन्दर-सुन्दर रूप हमारा,
सबको लगता प्यारा है।।
कुछ होते हैं लम्बे-लम्बे,
कुछ होते हैं श्वेत-धवल।
कुछ होते हैं टेढ़े-मेढ़े,
कुछ होते हैं बहुत सरल।
सभी जगह पर थाली के
बैंगन ही बिकने आते है।
चापलूस लोगों से तो,
सब ही धोखा खा जाते हैं।
इनका भरता बना-बनाकर,
चटकारे ले-लेकर खाना।
किन्तु कभी अपने जीवन में,
खुदगर्ज़ों को मुँह न लगाना।।
(कुछ चित्र गूगल छवियों से साभार)
सीधी, सरल और साफ बात.
जवाब देंहटाएंक्या बात है...बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंबैगन से भी सीख दी जा सकती है, कोई आपसे सीखे। इस कविता में क्या नहीं है! बैगन का रूप रंग, उपयोग, मुहावरे और अंत में कमाल तो आपने किया है संदेश देकर। अत्यंत प्रभावित करती रचना।
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता..सरल संदेश..
जवाब देंहटाएंसीधी सच्ची बात, बच्चों से ज्यादा बड़ों के काम की, .....
जवाब देंहटाएंकिन्तु कभी अपने जीवन में,
जवाब देंहटाएंखुदगर्ज़ों को मुँह न लगाना...
बच्चों और बड़ों सबके लिए सार्थक सन्देश ...
आभार!
यही सही है कि इनका भरता बना लिया जाए।
जवाब देंहटाएंहम तो यही कर रहे हैं।
आपके फ़ोटो ग़ज़ब के हैं आपके ही खींचे गए लगते हैं।
क्या बात है...बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सरल संदेश देती कविता...
जवाब देंहटाएंसभी जगह पर थाली के
जवाब देंहटाएंबैंगन ही बिकने आते है।
चापलूस लोगों से तो,
सब ही धोखा खा जाते हैं।
बहुत ही अच्छी कविता और सन्देश देने वाली
..............धन्यवाद् ...
बहुत अच्छी है ये कविता...थैंक्यू अंकल!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शास्त्री जी,स्वार्थी लोगों से बच कर रहना जरूरी है,परन्तु लगता है दुनिया में निस्वार्थ लोग बहुत कम हैं.
जवाब देंहटाएंbahut khoob
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी यह कविता,साथ में चित्र भी बहुत अच्छे हैं|उपयोगी संदेश देती हुई कविता के लिए धन्यवाद...|
जवाब देंहटाएंबालोपयोगी सरलतम शब्दावली उत्कृष्ट कविता.
जवाब देंहटाएंकिन्तु कभी अपने जीवन में,
जवाब देंहटाएंखुदगर्ज़ों को मुँह न लगाना।।
bilkl sahi kaha hai aapne, aabhaar.
सार्थक सीख देती अच्छी रचना ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सीख देती हुई रचना ...
जवाब देंहटाएंचर्चा में आज नई पुरानी हलचल
जवाब देंहटाएंआपकी चर्चा