जन्म जगत में पाया।
उसका जन्मदिवस भारत में
बाल दिवस कहलाया।।
मोती लाल पिता बैरिस्टर,
माता थी स्वरूप रानी।
छोड़ सभी आराम-ऐश को,
राह चुनी थी बेगानी।।
त्याग वकालत को नेहरू ने,
गांधी का पथ अपनाया।
उसका जन्मदिवस भारत में
बाल दिवस कहलाया।।
आजादी पाने की खातिर,
वीरों ने बलिदान दिया।
अमर सपूतों ने पग-पग पर ,
अपमानों का पान किया।
दमन चक्र से जो गोरों के,
कभी नहीं घबराया।
उसका जन्मदिवस भारत में
बाल दिवस कहलाया।।
दागे नहीं तोप से गोले,
ना बरछी तलवार उठायी।
सत्य-अहिंसा के बल पर,
खोई आजादी पायी।
अनशन करके, अंग्रेजों से,
शासन वापिस पाया।
उसका जन्मदिवस भारत में
बाल दिवस कहलाया।।
बच्चों को जो सदा प्यार से,
हँसकर गले लगाता था।
इसीलिए तो लाल जवाहर,
चाचा जी कहलाता था।
अपने जन्मदिवस को जिसने,
बालकदिवस बनाया।
उसका जन्मदिवस भारत में
बाल दिवस कहलाया।।
शासक था स्वदेश का पहला,
अपना प्यारा चाचा।
नवभारत के निर्माता का,
मन था सीधा-साचा।
उद्योगों का जिसने,
चौबिस घंटे चक्र चलाया।
उसका जन्मदिवस भारत में
बाल दिवस कहलाया।।
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14 नवंबर, 2012
"चाचा नेहरू को नमन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत सुंदर..बाल दिवस की शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंअच्छी बाल कविता |
जवाब देंहटाएंआशा
बेहद सुन्दर बाल कविता ..चाचा नेहरु को शत शत नमन....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंकाश कोई 'चाचा नेहरू सा,'आत्म सुखों' का त्याग करे |
इस 'नकली विकास' की 'ठंडी राख' में 'आग' भरे ||
काश कोई 'चाचा नेहरू सा,'आत्म सुखों' का त्याग करे |
जवाब देंहटाएंइस 'नकली विकास' की 'ठंडी राख' में असली 'आग' भरे ||