मेरी बालकृति नन्हें सुमन से
एक बालकविता
"गैस सिलेण्डर है वरदान"
गैस सिलेण्डर कितना प्यारा।
मम्मी की आँखों का तारा।।
रेगूलेटर अच्छा लाना।
सही ढंग से इसे लगाना।।
गैस सिलेण्डर है वरदान।
यह रसोई-घर की है शान।।
दूघ पकाओ-चाय बनाओ।
मनचाहे पकवान बनाओ।।
बिजली अगर नहीं है घर में।
यह प्रकाश देता पल भर में।।
बाथरूम में इसे लगाओ।
गर्म-गर्म पानी को पाओ।।
बीत गया है वक्त पुराना।
अब आया है नया जमाना।।
कण्डे-लकड़ी अब मत लाना।
बड़ा सहज है गैस जलाना।।
किन्तु सुरक्षा को अपनाना।
इसे कार में नही लगाना।
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20 जून, 2014
"गैस सिलेण्डर है वरदान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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अन्तिम दो पंक्तियों में अच्छा सन्देश समाहित किया गया है |
जवाब देंहटाएंशिक्षाप्रद बाल कविता
जवाब देंहटाएंबदलती समय की मांग है गैस
जवाब देंहटाएंचूल्हे की फूका फाकी से कोसों दूर
हाँ
किन्तु सुरक्षा को अपनाना।
इसे कार में नही लगाना।
वाह बहुत खूब |
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