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17 अगस्त, 2010

"कम्प्यूटर जी पाठ पढ़ायें..." (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

कम्प्यूटर का युग अब आया।
इसमें सारा ज्ञान समाया।।

मोटी पोथी सभी हटा दो।

बस्ते का अब भार घटा दो।।

थोड़ी कॉपी, पेन चाहिए।

हमको मन में चैन चाहिए।।

कम्प्यूटर जी पाठ पढ़ायें।

हम बच्चों का ज्ञान बढ़ाये।

(चित्र गूगल सर्च से साभार)

7 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन बाल-गीत...बधाई.
    ____________________

    आप सबका 'बाल-दुनिया' में स्वागत है.

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  2. मैं भी तो अब कंप्यूटर पर काम कर लेती हूँ..सुन्दर कविता...
    _________________
    पाखी की दुनिया में मायाबंदर की सैर...

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  3. कम्‍प्‍यूटर और इंटरनेट, दोनों सुंदर बाल-सुलभ कविताए्ं.

    जवाब देंहटाएं

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