नेता जैसा कद्दू प्यारा।
काशी फल है सबसे न्यारा।।
देवालय में त्यौहारों में।
कथा-कीर्तन भण्डारों में।।
इसका साग बनाया जाता।
पूड़ी के संग खाया जाता।।
जब बेलों पर पक जाता है।
इसका रंग बदल जाता है।।
कद्दू होता गोल-गोल है।
नेता के जैसा सुडौल है।।
बहुत बोलता थोथा-थोथा।
झूठ भरा नस-नस में होता।।
keya kamal ki likate hai aap
जवाब देंहटाएंpura market aap ko de deya jay to aap puri may hi likh denge na
कद्दू के गुणों को अच्छे से सजाकर पेश किया है...
जवाब देंहटाएंबच्चे अब पसन्द से खाएँगे..रोचक प्रस्तुति
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंसादर --
बधाई |
बहुत सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंkaddu aur neta vaah vaah...
जवाब देंहटाएंbahut rochak baal geet.
वाह! कद्दू का इतना सुन्दर वर्णन सुनकर तो मेरा मन पूड़ी और कद्दू की सब्जी खाने का हो आया...अंकल, आप हमेशा खाने की चीजों पर इतनी सुन्दर कविता लिखतें हैं कि पढ़ते ही मुँह में पानी आ जाता है...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ||....
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