सुन्दर-सुन्दर गाय हमारी। काली गइया कितनी प्यारी।। जब इसको आवाज लगाओ। काली कह कर इसे बुलाओ।।। तब यह झटपट आ जाती है। अम्मा कह कर रम्भाती है।। यह इसका है छोटा बछड़ा। अक्सर करता रहता झगड़ा।। जब यह भूखा हो जाता है। जोर-जोर से चिल्लाता है।। रस्सी खोल इसे हम लाते। काली का दुद्धू पिलवाते।। मम्मी बर्तन लेकर आती। थोड़ा दूध दूह कर लाती।। गाय हमारी गौमाता है। दूध-दही की यह दाता है।। |
बहुत बढ़िया बालगीत मनमोहक लगा..... आभार पंडित जी
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर गीत है जी
जवाब देंहटाएंआभार
Bahut hi sundar kavita. shubhkamnaye.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत ...प्रभावी
जवाब देंहटाएंwaah
जवाब देंहटाएंaanand aa gaya
bahut sundar !
बहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंबहुत उत्तम रचना |बधाई
जवाब देंहटाएंआशा
चित्रों के माध्यम से बच्चों को गाय के बारे में बहुत ही रोचक और सरस तरीके से बताया है.
जवाब देंहटाएंसादर
शास्त्री जी ..छोटे बच्चो के लिए लिखी यह कविता तो हम बडो को भी बेहद बेहद भा रही है..बहुत सुन्दर कविता गाय पर..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंबहुत ही मनोहारी गीत्…………सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर गीत...आभार
जवाब देंहटाएंअनुष्का