इंजन-डिब्बों का है मेल।
आओ आज बनाएँ रेल।।
इंजन चलता आगे-आगे,
पीछे-पीछे डिब्बे भागे,
सबको अच्छी लगती रेल।
आओ आज बनाएँ रेल।।
मैट्रो ट्रेन बनाई मैंने,
इसको बहुत सजाई मैंने,
मम्मी देखो मेरी रेल।
आओ आज बनाएँ रेल।।
कल विद्यालय में जाऊँगा,
दीदी जी को दिखलाऊँगा,
दो पटरी पर चलती रेल।
आओ आज बनाएँ रेल।।
sundar rachna
जवाब देंहटाएंchuk chuk chuk chuk ... chali hamaree rail
जवाब देंहटाएंकितनी सुन्दर सजायी रेल
जवाब देंहटाएंप्यारी न्यारी आपकी रेल
करायेगी अपनो से मेल
छुक चुक कर भागेगी रेल
कितनी सुन्दर रेल......
जवाब देंहटाएंबच्चो में उत्साह भारती ये रेल वाली कविता और ड्रोइंग के लिए भी प्रोत्साहित करती रचना .. आपकी रचना बहुत अच्छी लगी .. आपकी रचना आज दिनाक ३ दिसंबर को चर्चामंच पर रखी गयी है ... http://charchamanch.blogspot.com
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रेल ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और उत्साहवर्धक बाल कविता।
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