काँटों में भी मुस्काते हैं।
सबके मन को बहलाते हैं।।
नागफनी की शैया पर भी,
ये हँसते-खिलते जाते हैं।
सबके मन को बहलाते हैं।।
सुन्दर सुन्दर गुल गुलाब के,
सारा उपवन महकाते हैं।
सबके मन को बहलाते हैं।।
नीम्बू की कण्टक शाखा पर,
सुरभित होकर बलखाते हैं।
सबके मन को बहलाते हैं।।
काँटों में भी मुस्काते हैं।
सबके मन को बहलाते हैं।।
यही तो खूबी होती है काँटों मे भी जो मुस्कुरा दे समझिये जीना उसको आ गया।
जवाब देंहटाएंnice..
जवाब देंहटाएंmere blog par bhi kabhi aaiye
Lyrics Mantra
बहुत सुन्दर शिक्षाप्रद कविता नानाजी .....आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंफ़ूल बडे नाजुक होते हैं … कुछ ऐसी ही हैं आपकी ये लाईनें । अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"
जवाब देंहटाएंप्रेरणा दायक रचना ...
जवाब देंहटाएंThanks for sharing ! Happy Valentine's Day Gifts Ideas Online
जवाब देंहटाएंonline midnight cake delivery
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