5 मार्च को इस बगिया में, सुमन खिला है प्यारा। किलकारी से गूँजा फिर से, सूना भवन हमारा।।
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उपवन में छा गई बहारें, रंग बसन्ती चहका, निश्छल प्यारी बातों से, मन का आँगन है महका, कुल दीपक आया है घर में, बन करके ध्रुव तारा। किलकारी से गूँजा फिर से, सूना भवन हमारा।।
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नीरस जीवन सरस हुआ है, अच्छी लगती दुनिया, कुछ वर्षों के बाद, हमारे घर में आयी मुनिया, प्रांजल-प्राची के आने से, दूर हुआ दुख सारा। किलकारी से गूँजा फिर से, सूना भवन हमारा।।
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छोटे-बड़े सभी उत्सव, हम इनके साथ मनाते हैं बच्चों के संग में रह कर,हम भी बच्चे बन जाते हैं, सुख का सूरज लेकर आया, है जग में उजियारा। किलकारी से गूँजा फिर से, सूना भवन हमारा।।
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जन्मदिवस पर तुम्हें कीमती, देता हूँ सौगातें, घर के बड़े-बुजुर्गों की, तुम सदा मानना बातें, माता-पिता, गुरू का आदर करना धर्म तुम्हारा। किलकारी से गूँजा फिर से, सूना भवन हमारा।।
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प्रिय पौत्र पांजल को जन्म दिन पर दादा जी का शुभाशीर्वाद! |
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प्रांजल को जन्मदिन की हादिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंप्रांजल , आपको जन्मदिवस की ढेरों शुभकामनाये ॥
जवाब देंहटाएंप्रान्जल भैया को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंप्रांजल शास्त्री बारह साल के हो गये। भाई प्रांजल, अब हाफ टिकट की जगह फुल टिकट की आदत डाल लो।
जवाब देंहटाएंजन्मदिन मुबारक हो।
प्रांजल को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये|
जवाब देंहटाएंप्रिय प्रांजल को आशीर्वाद और शुभकामनायें ...बहुत सुन्दर कविता लिखी है ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता..बधाई.
जवाब देंहटाएंHappy Birth Day.
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पाखी बनी परी...आसमां की सैर करने चलेंगें क्या !!