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21 मई, 2014

"देखो एक मदारी आया" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

मेरी बालकृति "नन्हें सुमन" से

एक बाल कविता
"देखो एक मदारी आया"

देखो एक मदारी आया।
 अपने संग लाठी भी लाया।।

डम-डम डमरू बजा रहा है।
भालू, बन्दर नचा रहा है।।

म्बे काले बालों वाला।
भालू का अन्दाज निराला।।
खेल अनोखे दिखलाता है।
बच्चों के मन को भाता है।।
bear&monkey 
वानर है कितना शैतान।
पकड़ रहा भालू के कान।।

यह अपनी धुन में ऐँठा है।
भालू के ऊपर बैठा है।।

लिए कटोरा पेट दिखाता।
माँग-माँग कर पैसे लाता।।

1 टिप्पणी:

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