चाट-चाट कर सहलाती है।
करती जाती प्यारी बातें।
खुश होकर करती है अम्मा,
मुझसे कितनी सारी बातें।।
बहुत चाव से दूध पिलाती,
बिन मेरे वो रह नहीं पाती,
सीधी सच्ची मेरी माता,
सबसे अच्छी मेरी माता,
ममता से वो मुझे बुलाती,
करती सबसे न्यारी बातें।
खुश होकर करती है अम्मा,
मुझसे कितनी सारी बातें।।
दुनियादारी के सारे गुर,
मेरी माता मुझे बताती,
हरी घास और भूसा-तिनका,
खाना-खाना भी बतलाती,
जीवन यापन करने वाली,
सिखलाती गुणकारी बातें।
खुश होकर करती है अम्मा,
मुझसे कितनी सारी बातें।।
बहुत सुन्दर बाल गीत्।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता है । अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता...
जवाब देंहटाएंhappy mothers day...
क्या सीरत थी, क्या सूरत थी..
पाँव छुए और बात बनी, अम्मा एक मुहूर्त थी...
बहुत सुन्दर और प्यारी गीत!
जवाब देंहटाएंनन्हे -मुन्हे बच्चो के लिए एक नन्हा -सा गीत
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया बालगीत!
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी बालकविता
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना !!
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता ...प्यारे चित्र ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कविता है ....चित्रे तो बहुत ही मनमोहक हैं......
जवाब देंहटाएंकविता बहुत ही प्यारी ,सरल व गेय लगी ।मां तो मां ही होती है चाहे वह किसी की हो।कविता गुनगुनाते समय मां के प्रति श्रद्धा उपजती है ।
जवाब देंहटाएंसुधा भार्गव
Bahut meetha .. bahut sundar baal geet hai ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बाल गीत्। धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना |
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