मेरी बालकृति नन्हें सुमन से
एक बालकविता
"गैस सिलेण्डर"
मम्मी की आँखों का तारा।
गैस सिलेण्डर कितना प्यारा।।
रेगूलेटर अच्छा लाना।
सही ढंग से इसे लगाना।।
गैस सिलेण्डर है वरदान।
यह रसोई-घर की है शान।।
दूघ पकाओ, चाय बनाओ।
मनचाहे पकवान बनाओ।।
बिजली अगर नही है घर में।
यह प्रकाश देता पल भर में।।
बाथरूम में इसे लगाओ।
गर्म-गर्म पानी से न्हाओ।।
बीत गया है वक्त पुराना।
अब आया है नया जमाना।।
कण्डे, लकड़ी अब नही लाना।
बड़ा सहज है गैस जलाना।।
किन्तु सुरक्षा को अपनाना।
इसे कार में नही लगाना।
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20 दिसंबर, 2013
"गैस सिलेण्डर" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत सटीक ! सुन्दर बाल-कविता !!
जवाब देंहटाएंभगवान करे गरीब से गरीब को यह सुविधा उपलब्ध हो !!
बढ़िया है आदरणीय-
जवाब देंहटाएंआभार आपका-
बाथरूम में इसे लगाओ।
जवाब देंहटाएंगर्म-गर्म पानी से न्हाओ।।
बीत गया है वक्त पुराना।
अब आया है नया जमाना।।
कण्डे, लकड़ी अब नही लाना।
बड़ा सहज है गैस जलाना।।
किन्तु सुरक्षा को अपनाना।
इसे कार में नही लगाना।
बढ़िया बाल रचना।
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