मेरी बालकृति नन्हें सुमन से
एक बालकविता
"मेरा झूला बड़ा निराला"
मम्मी जी ने इसको डाला।
मेरा झूला बडा़ निराला।।
खुश हो जाती हूँ मैं कितनी,
जब झूला पा जाती हूँ।
होम-वर्क पूरा करते ही,
मैं इस पर आ जाती हूँ।
करता है मन को मतवाला।
मेरा झूला बडा़ निराला।।
मुझको हँसता देख,
सभी खुश हो जाते हैं।
बाबा-दादी, प्यारे-प्यारे,
नये खिलौने लाते हैं।
आओ झूलो, मुन्नी-माला।
मेरा झूला बडा़ निराला।।
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24 दिसंबर, 2013
"मेरा झूला बड़ा निराला" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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waah waah .......
जवाब देंहटाएंbahut khoob
aanand aa gaya
Bahut Sunder Rachna
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जवाब देंहटाएंमम्मी जी ने इसको डाला।
मेरा झूला बडा़ निराला।।
खुश हो जाती हूँ मैं कितनी,
जब झूला पा जाती हूँ।
होम-वर्क पूरा करते ही,
मैं इस पर आ जाती हूँ।
करता है मन को मतवाला।
मेरा झूला बडा़ निराला।।
सबको करता ये मतवाला
मेरा झूला बड़ा निराला।
सुन्दर गेय शैली में बाल गीत।
बहुत सुन्दर बाल रचना..
जवाब देंहटाएंमुझे तो आज भी झूला देख खूब झूलने का मन करता है ... पर अब तो बच्चों के लिए दौड़ धूप में खुद ही झूलना हो जाता है दिन भर ..