मेरी बालकृति नन्हें सुमन से
बालगीत
"हमारा सूरज"
पूरब से जो उगता है और पश्चिम में छिप जाता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।
रुकता नही कभी भी चलता रहता सदा नियम से,
दुनिया को नियमित होने का पाठ पढ़ा जाता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।
नही किसी से भेद-भाव और वैर कभी रखता है,
सदा हितैषी रहने की शिक्षा हमको दे जाता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।
सूर्य उदय होने पर जीवों में जीवन आता है,
भानु रात और दिन का हमको भेद बताता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।
दूर क्षितिज में रहकर तुम सबको जीवन देते हो,
भुवन-भास्कर तुमको सब जग शीश नवाता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।
मेरी बालकृति नन्हें सुमन से
बालगीत
"हमारा सूरज"
पूरब से जो उगता है और पश्चिम में छिप जाता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।
रुकता नही कभी भी चलता रहता सदा नियम से,
दुनिया को नियमित होने का पाठ पढ़ा जाता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।
नही किसी से भेद-भाव और वैर कभी रखता है,
सदा हितैषी रहने की शिक्षा हमको दे जाता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।
सूर्य उदय होने पर जीवों में जीवन आता है,
भानु रात और दिन का हमको भेद बताता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।
दूर क्षितिज में रहकर तुम सबको जीवन देते हो,
भुवन-भास्कर तुमको सब जग शीश नवाता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।
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गवेषणा के साथ बाल सुलभ ज्ञान भी है !
जवाब देंहटाएंप्यारी कविता और हमारे रश्मिरथी के बारे में जानकारी भी ..भ्रमर ५
जवाब देंहटाएंसहज सुन्दर अभिव्यक्ति :
जवाब देंहटाएंपूरब से जो उगता है और पश्चिम में छिप जाता है।
यह प्रकाश का पुंज हमारा सूरज कहलाता है।।