मेरी बालकृति नन्हें सुमन से
बालकविता
"मच्छरदानी"
जिसमें नींद चैन की आती।
वो मच्छर-दानी कहलाती।।
लाल-गुलाबी और हैं धानी।
नीली-पीली बड़ी सुहानी।।
छोटी, बड़ी और दरम्यानी।
कई तरह की मच्छर-दानी।।
इसको खोलो और लगाओ।
बिस्तर पर सुख से सो जाओ।।
जब ठण्डक कम हो जाती है।
गरमी और बारिश आती है।।
तब मच्छर हैं बहुत सताते।
भिन-भिन करके शोर मचाते।।
खून चूस कर दम लेते हैं।
डेंगू-फीवर कर देते हैं।।
मच्छर से छुटकारा पाओ।
मच्छरदानी को अपनाओ।।
मेरी बालकृति नन्हें सुमन से
बालकविता
"मच्छरदानी"
जिसमें नींद चैन की आती।
वो मच्छर-दानी कहलाती।।
लाल-गुलाबी और हैं धानी।
नीली-पीली बड़ी सुहानी।।
छोटी, बड़ी और दरम्यानी।
कई तरह की मच्छर-दानी।।
इसको खोलो और लगाओ।
बिस्तर पर सुख से सो जाओ।।
जब ठण्डक कम हो जाती है।
गरमी और बारिश आती है।।
तब मच्छर हैं बहुत सताते।
भिन-भिन करके शोर मचाते।।
खून चूस कर दम लेते हैं।
डेंगू-फीवर कर देते हैं।।
मच्छर से छुटकारा पाओ।
मच्छरदानी को अपनाओ।।
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वाह वाह .. सुन्दर बाल रचना है ...
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