मेरी बालकृति नन्हें सुमन से
बालकविता
"नटखट प्राची"
इतनी जल्दी क्या है बिटिया,
सिर पर पल्लू लाने की।
अभी उम्र है गुड्डे-गुड़ियों के संग,
समय बिताने की।।
मम्मी-पापा तुम्हें देख कर,
मन ही मन हर्षाते हैं।
जब वो नन्ही सी बेटी की,
छवि आखों में पाते है।।
जब आयेगा समय सुहाना,
देंगे हम उपहार तुम्हें।
तन मन धन से सब सौगातें,
देंगे बारम्बार तुम्हें।।
दादी-बाबा की प्यारी,
तुम सबकी राजदुलारी हो।
घर आंगन की बगिया की,
तुम मनमोहक फुलवारी हो।।
सबकी आँखों में बसती हो,
इस घर की तुम दुनिया हो।
प्राची तुम हो बड़ी सलोनी,
इक प्यारी सी मुनिया हो।।
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