मेरी बालकृति नन्हें सुमन से
एक बालकविता
"हमने झूला झूला"
मानसून का मौसम आया,
तन से बहे पसीना!
भरी हुई है उमस हवा में,
जिसने सुख है छीना!!
कुल्फी बहुत सुहाती हमको,
भाती है ठण्डाई!
दूध गरम ना अच्छा लगता,
शीतल सुखद मलाई!!
पंखा झलकर हाथ थके जब,
हमने झूला झूला!
ठण्डी-ठण्डी हवा लगी तब,
मन खुशियों से फूला!!
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जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्र सहित सुन्दर बाल गीत !
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waah mn ak bar bachpn ki galiyon me pahuch gaya ...
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