मेरी बालकृति "नन्हें सुमन" से
एक बालकविता
"सब्जी मण्डी"
देखो-देखो सब्जी-मण्डी, बिकते आलू,बैंगन,भिण्डी।
कच्चे केले, पक्के केले, मटर, टमाटर के हैं ठेले।
गोभी,पालक,मिर्च हरी है, धनिये से टोकरी भरी है।
लौकी, तोरी और परबल हैं, पीले-पीले सीताफल हैं।
अचरज में है जनता सारी, सब्जी-मण्डी कितनी प्यारी।
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मित्र के स्वास्थ्य की कामनाओं सहित अच्छी बाल -रचना !
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जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंक्या कहने बहुत ख़ूब
आजकल तो सब्जियों के दाम देखकर कोई हिम्मत नहीं कर रहा है ..खाने की ..लेकिन आपने सारी सब्जियों के नाम याद दिलाती शानदार बाल रचना ..हार्दिक बढ़ाई के साथ
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