मेरी बालकृति नन्हें सुमन से
एक बालकविता
"आयी रेल"
धक्का-मुक्की रेलम-पेल। आयी रेल-आयी रेल।।
इंजन चलता सबसे आगे। पीछे -पीछे डिब्बे भागे।। हार्न बजाता, धुआँ छोड़ता। पटरी पर यह तेज दौड़ता।।
जब स्टेशन आ जाता है। सिग्नल पर यह रुक जाता है।। जब तक बत्ती लाल रहेगी। इसकी जीरो चाल रहेगी।। हरा रंग जब हो जाता है। तब आगे को बढ़ जाता है।।
बच्चों को यह बहुत सुहाती। नानी के घर तक ले जाती।। छुक-छुक करती आती रेल। आओ मिल कर खेलें खेल।। धक्का-मुक्की रेलम-पेल। आयी रेल-आयी रेल।।
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बढ़िया प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
नवरात्रि की शुभकामनायें-
आदरणीय सर प्रणाम, आपको सुन्दर बाल रचना की बधाई !
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर बाल गीत ..
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