मेरी बालकृति नन्हें सुमन से एक बाल कविता "टॉम-फिरंगी"
टॉम-फिरंगी प्यारे-प्यारे।
दोनों चौकीदार हमारे।।
हमको ये लगते हैं अच्छे।
दोनों ही हैं सीधे-सच्चे।।
जब हम इनको हैं नहलाते।
ये खुश हो साबुन मलवाते।।
बाँध चेन में इनको लाते।
बाबा कंघी से सहलाते।।
इन्हें नहीं कहना बाहर के।
संगी-साथी ये घरभर के।।
ये दोनों हैं बहुत सलोने।
सुन्दर से जीवन्त खिलौने।।
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03 नवंबर, 2013
"टॉम-फिरंगी" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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पाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
जवाब देंहटाएंवली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||
वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
पावली=चवन्नी
गावदी = मूर्ख / अबोध
जवाब देंहटाएंनहीं हैं सेकुलर टॉम फिरंगी ,
ये हम सबके सच्चे संगी।
सेकुलर सरकार से हमारे टॉमी अच्छे ,कुत्ते हैं ,कुत्ताते नाहिं
जवाब देंहटाएंजब हम इनको हैं नहलाते।
ये खुश हो साबुन मलवाते।।
बाँध चेन में इनको लाते।
बाबा कंघी से सहलाते।।
टॉम-फिरंगी प्यारे-प्यारे।
दोनों चौकीदार हमारे।।
हमको ये लगते हैं अच्छे।
दोनों ही हैं सीधे-सच्चे।।
नहीं हैं सेकुलर टॉम फिरंगी ,
ये हम सबके सच्चे संगी।
एक बाल कविता
"टॉम-फिरंगी"
टॉम-फिरंगी प्यारे-प्यारे।
दोनों चौकीदार हमारे।।
हमको ये लगते हैं अच्छे।
दोनों ही हैं सीधे-सच्चे।।
जब हम इनको हैं नहलाते।
ये खुश हो साबुन मलवाते।।...
नन्हे सुमन