गर्मी की छुट्टी कर ली हमने खूब पढ़ाई पढ़कर के आँखें खुजलाई लिखी परीक्षा मेहनत कर के तब गर्मी की छुट्टी आई. अब होगा बस खेल तमाशा सुबह शाम को धूम धमाका सब बच्चे घर में खेलेंगे धूप भला हम क्यूँ झेलेंगे.. पापा संग जा कुल्फी खाई जब गर्मी की छुट्टी आई. दिन भर खूब कहानी पढ़ते आपस में हम नहीं झगड़ते कार्टून टी.वी. पर आया बच्चों ने मन को बहलाया.. मौसी हमसे मिलने आई जब गर्मी की छुट्टी आई. दीदी से कम्प्यूटर सीखा हमें लगा वो स्वप्न सरीखा पलक झपकते सब बतलाता दुनिया भर की सैर कराता.. समय उड़ा बन हवा हवाई जब गर्मी की छुट्टी आई. -समीर लाल ’समीर’ |
यह ब्लॉग खोजें
21 अप्रैल, 2010
“बाल कविता:समीर लाल (उड़नतश्तरी)”
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बहुत अच्छी कविता है ।
जवाब देंहटाएं"टीवी ने कार्टून दिखलाया" में 'दिखलाया' की जगह 'दिखाया' हो और भी सुर में गाई जा सकती है ।
@ विवेक सिंह जी!
जवाब देंहटाएंआदरणीय समीर लाल जी कह कर यह पंक्ति ठीक करा दी गई है!
विवेक का आभार सुझाव के लिए एवं शास्त्री जी का सुधार के लिए.
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी और मनभावन कविता !
जवाब देंहटाएंसमीर जी द्वारा रचित बाल कविता बहुत ही मनभावन है……………।बधाई।
जवाब देंहटाएंसमीर अंकल मुझे भी छुट्टियां होने वाली हैं , मैं भी खूब मजे करुंगा , आपकी कविता बहुत-बहुत-बहुत अच्छी लगी ........शुभम सचदेव
जवाब देंहटाएंसमीर जी की बहुत सुन्दर बाल कविता है...गर्मी की छुट्टियों का पूरा वर्णन करती हुई ये रचना बहुत अच्छी लगी....बधाई
जवाब देंहटाएंसबसे अच्छी और महत्त्वपूर्ण बात यह है -
जवाब देंहटाएं--
समीरलाल जी भी ने भी बच्चों के लिए
लिखना शुरू कर दिया है!
--
मुझे बहुत प्रसन्नता होगी,
यदि वे इसी तरह समय-समय पर
बच्चों को अपनी रचनाओं के उपहार देते रहें!
--
शुभकामनाएँ और बधाई!
आप सबके स्नेह का आभारी हूँ. रवि जी, मैं अवश्य प्रयास करता रहूँगा.
जवाब देंहटाएंye to pyaali pyali poem hai . :)
जवाब देंहटाएंसमीर जी हम आपको आमंत्रित करते हैं बच्चों की दुनिया में , आप जब बाल-रचनाओं में अपनी कलम चलाने ही लगे हैं तो बाल-जगत में आपका स्वागत है और हमारा आमंत्रण स्वीकार करेंगे तो नन्हे-मुन्ने बच्चे खुश हो जाएंगे ।सादर ....सीमा सचदेव
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी आशा है आप हमारा निवेदन समीर जी तक पहुंचा ही देंगे
बहुत सुन्दर लिखा समीर अंकल जी ने ..अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएं************
'पाखी की दुनिया में' पुरानी पुस्तकें रद्दी में नहीं बेचें, उनकी जरुरत है किसी को !
उपयोगी होने के कारण
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर
झिलमिल करते सजे सितारे!
शीर्षक के अंतर्गत
इस पोस्ट की चर्चा की गई है!