मेरी गैया बड़ी निराली,
सीधी-सादी, भोली-भाली।
सुबह हुई काली रम्भाई, मेरा दूध निकालो भाई। हरी घास खाने को लाना, उसमें भूसा नही मिलाना। उसका बछड़ा बड़ा सलोना, वह प्यारा सा एक खिलौना। मैं जब गाय दूहने जाता, वह अम्मा कहकर चिल्लाता। सारा दूध नही दुह लेना, मुझको भी कुछ पीने देना। थोड़ा ही ले जाना भैया, सीधी-सादी मेरी मैया।
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