गैस सिलेण्डर कितना
प्यारा।
मम्मी की आँखों का
तारा।।
रेगूलेटर अच्छा लाना।
सही ढंग से इसे
लगाना।।
गैस सिलेण्डर है
वरदान।
यह रसोई-घर की है
शान।।
दूघ पकाओ, चाय बनाओ।
मनचाहे पकवान बनाओ।।
बिजली अगर नही है घर
में।
यह प्रकाश देता पल भर
में।।
बाथरूम में इसे लगाओ।
गर्म-गर्म पानी से
न्हाओ।।
बीत गया है वक्त
पुराना।
अब आया है नया
जमाना।।
जंगल से लकड़ी मत
लाना।
बड़ा सहज है गैस
जलाना।।
किन्तु सुरक्षा को
अपनाना।
इसे कार में नही
लगाना।
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12 जनवरी, 2017
बालकविता "गैस सिलेण्डर" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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