उल्लू का रंग-रूप निराला।
लगता कितना भोला-भाला।।
अन्धकार इसके मन भाता।
सूरज इसको नही सुहाता।।
यह लक्ष्मी जी का वाहक है।
धन-दौलत का संग्राहक है।।
इसकी पूजा जो है करता।
ये उसकी मति को है हरता।।
धन का रोग लगा देता यह।
सुख की नींद भगा देता यह।।
सबको इसके बोल अखरते।
बड़े-बड़े इससे हैं डरते।।
विद्या का वैरी कहलाता।
ये बुद्धू का है जामाता।।
पढ़-लिख कर ज्ञानी बन जाना।
कभी न उल्लू तुम कहलाना।।
उल्लू का रंग-रूप निराला।
लगता कितना भोला-भाला।। अन्धकार इसके मन भाता। सूरज इसको नही सुहाता।। यह लक्ष्मी जी का वाहक है। धन-दौलत का संग्राहक है।। इसकी पूजा जो है करता। ये उसकी मति को है हरता।। धन का रोग लगा देता यह। सुख की नींद भगा देता यह।। सबको इसके बोल अखरते। बड़े-बड़े इससे हैं डरते।। विद्या का वैरी कहलाता। ये बुद्धू का है जामाता।। पढ़-लिख कर ज्ञानी बन जाना। कभी न उल्लू तुम कहलाना।। |
Birthday Gifts | best Birthday Gifts to India Online | Happy Birthday Gift Ideas - Indiagift
जवाब देंहटाएं