मन्दिर, मस्जिद और गुरूद्वारे। भक्तों को लगते हैं प्यारे।। हिन्दू मन्दिर में हैं जाते। देवताओं को शीश नवाते।। ईसाई गिरजाघर जाते। दीन-दलित को गले लगाते।। जहाँ इमाम नमाज पढ़ाता। मस्जिद उसे पुकारा जाता।। सिक्खों को प्यारे गुरूद्वारे। मत्था वहाँ टिकाते सारे।। राहें सबकी अलग-अलग हैं। पर सबके अरमान नेक है। नाम अलग हैं, पन्थ भिन्न हैं। पर जग में भगवान एक है।। (सभी चित्र गूगल से साभार) |
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19 फ़रवरी, 2010
“भगवान एक है!" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
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बच्चों को एकता का पाठ पढाता सुन्दर बालगीत बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंmazaa aa gaya padh kar....
जवाब देंहटाएंhindu, muslim, sikh, isaai, aapas mein sab bhai bhai...
बच्चों को तो कमाल की ट्रेनिंग दे रहे हैं आप .. जिनके छोटे बच्चे होंगे .. वो खुश हो जाएंगे !!
जवाब देंहटाएंis baal geet ke madhyam se bahut hi sundar sandesh diya hai.
जवाब देंहटाएंअनेकता में एकता का सन्देश देता सुन्दर बाल गीत ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
संगीता जी की बात से सहमत हूँ!
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