पापा ने दिलवाया मुझको,
सेल-फोन इक प्यारा सा।
मन-भावन रंगों वाला,
यह एक खिलौना न्यारा सा।।
रोज सुबह को मुझे जगाता,
मोबाइल कहलाता है।
दूर-दूर तक बात कराता,
सही समय बतलाता है।।
नम्बर डायल करो किसी का,
पता-ठिकाना बतलाओ।
मुट्ठी में इसको पकड़ो और,
संग कहीं भी ले जाओ।।
इससे नेट चलाओ चाहे,
बात करो दुनिया भर में।
यह सबके मन को भाता है,
लोकलुभावन घर-घर में।।
बटन दबाते ही मोबाइल,
काम टार्च का देता है।
पलक झपकते ही यह सारा,
अंधियारा हर लेता है।।
सेल-फोन इस युग का,
इक छोटा सा है कम्प्यूटर।
गुणा-भाग करने वाला,
बन जाता कैल-कुलेटर।। |
आज कल तकनीकि का ज़माना है....मोबाइल के बारे में सारी जानकारी देती अच्छी रचना....सुन्दर बालगीत
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कविता....
जवाब देंहटाएंbahut sundar baal geet.
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता....आभार!!
जवाब देंहटाएंआपकी पुरानी नयी यादें यहाँ भी हैं .......ज़रा गौर फरमाइए
जवाब देंहटाएंhttp://nayi-purani-halchal.blogspot.com/
आपकी पुरानी नयी यादें यहाँ भी हैं .......कल ज़रा गौर फरमाइए
जवाब देंहटाएंhttp://nayi-purani-halchal.blogspot.com/