धक्का-मुक्की रेलम-पेल।
आयी रेल-आयी रेल।।
इंजन चलता सबसे आगे।
पीछे -पीछे डिब्बे भागे।।
हार्न बजाता, धुआँ छोड़ता।
पटरी पर यह तेज दौड़ता।।
जब स्टेशन आ जाता है।
सिग्नल पर यह रुक जाता है।।
जब तक बत्ती लाल रहेगी।
इसकी जीरो चाल रहेगी।।
हरा रंग जब हो जाता है।
तब आगे को बढ़ जाता है।।
बच्चों को यह बहुत सुहाती।
नानी के घर तक ले जाती।।
छुक-छुक करती आती रेल।
आओ मिल कर खेलें खेल।।
धक्का-मुक्की रेलम-पेल।
आयी रेल-आयी रेल।।
(चित्र गूगल सर्च से साभार) |
शास्त्री जी आप बच्चों के लिये बहुत सुन्दर कार्य कर रहे हैं - सुन्दर बालगीत रचकर
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंhamesha ki tarah sundar baal kavita.
जवाब देंहटाएंArre waah ye to bahut badhiya baalgeet laga aapaka geet ka geet khail ka khail baccho ko aanand aajaega! :)
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