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07 मार्च, 2010

“देखो एक मदारी आया।” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)


देखो एक मदारी आया।
 अपने संग लाठी भी लाया।।
डम-डम डमरू बजा रहा है।
भालू, बन्दर नचा रहा है।।
म्बे काले बालों वाला।
भालू का अन्दाज निराला।।

खेल अनोखे दिखलाता है।
बच्चों के मन को भाता है।।
bear&monkey
वानर है कितना शैतान।
पकड़ रहा भालू के कान।।
यह अपनी धुन में ऐँठा है।
भालू के ऊपर बैठा है।।
लिए कटोरा पेट दिखाता।
माँग-माँग कर पैसे लाता।।

(चित्र गूगल सर्च से साभार)

4 टिप्‍पणियां:

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