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24 अगस्त, 2010
17 अगस्त, 2010
"कम्प्यूटर जी पाठ पढ़ायें..." (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
कम्प्यूटर का युग अब आया। इसमें सारा ज्ञान समाया।। मोटी पोथी सभी हटा दो। बस्ते का अब भार घटा दो।। थोड़ी कॉपी, पेन चाहिए। हमको मन में चैन चाहिए।। कम्प्यूटर जी पाठ पढ़ायें। हम बच्चों का ज्ञान बढ़ाये। (चित्र गूगल सर्च से साभार) |
11 अगस्त, 2010
‘‘इण्टर-नेट’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
करता है हर बात उजागर। इण्टर-नेट ज्ञान का सागर।। इससे मेल मुफ्त हो जाता। दूर देश में बात कराता।। कहती है प्यारी सी मुनिया। टेबिल पर है सारी दुनिया।। लन्दन हो या हो अमरीका। आबूधाबी या अफ्रीका।। गली, शहर हर गाँव देख लो। बादल, घूप और छाँव देख लो।। उड़न-तश्तरी यह समीर की। यह थाली है भरी खीर की।। जग भर की जितनी हैं भाषा। सबकी है इसमें परिभाषा।। पल में नैनीताल घूम लो। पर्वत की हर शिखर चूम लो।। चाहे शोख नजारे देखो। सजे-धजे गलियारे देखो।। अन्तर्-जाल बड़े मनवाला। कर देता है यह मतवाला।। छोटा सा कम्प्यूटर लेलो। फिर इससे जी भरकर खेलो।। आओ इण्टर-नेट पढ़ाएँ। मौज मनाएँ, ज्ञान बढ़ाएँ।। (चित्र गूगल सर्च से साभार) |
06 अगस्त, 2010
"नया राष्ट्र निर्माण करेंगे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
हम भारत के भाग्य विधाता, नया राष्ट्र निर्माण करेंगे । निज-भारत के लिए निछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।। गौतम, गाँधी, इन्दिरा जी की, हम ही तो तस्वीर हैं, हम ही भावी कर्णधार हैं, हम भारत के वीर हैं, भेद-भाव का भूत भगा कर, चारु राष्ट्र निर्माण करेंगे । देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।। चम्पा, गेन्दा, गुल-गुलाब ने, पुष्प-वाटिका महकाई, हिन्द, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में भाई-भाई, सब मिल-जुल कर आपस में, सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण करेगे । देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।। भगतसिंह, अशफाक -उल्ला की, आन न हम मिटने देगे, धर्म-मजहब की खातिर अपनी ,शान न हम मिटने देंगे, कौमी -एकता को अपना कर धवल -राष्ट्र निर्माण करेंगे । देश-प्रेम के लिए न्योछावर,हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।। दिशा-दिशा में, नगर-ग्राम में, बीज शान्ति के उपजायेंगे, विश्व शान्ति की पहल करेंगे, राष्ट्र पताका लहरायेंगे, भारत के सच्चे प्रहरी बन, स्वच्छ राष्ट्र निर्माण करेंगे । देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।। |
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