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31 जनवरी, 2011

"...हम मौज मनाएँ" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

आओ दोनों झूला झूलें।
खिड़की-दरवाजों को छू लें।।

मिल-जुलकर हम मौज मनाएँ।
जोर-जोर से गाना गाएँ।।

माँ कहती मत शोर मचाओ।
जल्दी से विद्यालय जाओ।।

मम्मी आज हमारा सण्डे।
सण्डे को होता होलीडे।।

नाहक हमको टोक रही क्यों?
हमें खेल से रही क्यो??

गीत-कहानी तो कहने दो।
थोड़ी देर हमें रहने दो।।

30 जनवरी, 2011

"हँसता-गाता बचपन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

हँसता-खिलता जैसा,
इन प्यारे सुमनों का मन है।
गुब्बारों सा नाजुक,
सारे बच्चों का जीवन है।।

नन्हें-मुन्नों के मन को,
मत ठेस कभी पहुँचाना।
नित्यप्रति कोमल पौधों पर,
 स्नेह-सुधा बरसाना ।।

ये कोरे कागज के जैसे,
होते भोले-भाले।
इन नटखट गुड्डे-गुड़ियों के,
होते खेल निराले।।

भरा हुआ चंचल अखियों में,
कितना अपनापन है।
झूम-झूम कर मस्ती में,
हँसता-गाता बचपन है।।

20 जनवरी, 2011

"विष का बाण" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

चिमटे जैसी भुजा बनी हैं,
प्यारी सी दुम धनुष-कमान।
विष से भरा दंश है घातक है,
जैसे हो जहरीला बाण।।

कमर मंथरा जैसी टेढ़ी,
परसराम जैसी आदत है।
प्रीत-रीत यह नहीं जानता,
इसको छूना ही आफत है।।


डरता नहीं किसी से है यह,
छोटा-खोटा और कृतघ्न है।
अकड-अकड़ कर चलता है यह,
अपनी ही धुन में निमग्न है।।


मन से क्रोधी, तन से तिरछा,
नहीं कहीं से यह सरल है।
दूर हमेशा रहना इससे,
बिच्छू का पर्याय गरल है।।

19 जनवरी, 2011

" सूअर का बच्चा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

 
गोरा-चिट्टा कितना अच्छा।
लेकिन हूँ सूअर का बच्चा।।

लोग स्वयं को साफ समझते।
लेकिन मुझको गन्दा कहते।।

मेरी बात सुनो इन्सानों।
मत अपने को पावन मानों।।

भरी हुई सबके कोटर में। 
तीन किलो गन्दगी उदर में।।

श्रेष्ठ योनि के हे नादानों।
सुनलो धरती के भगवानों।।

तुम मुझको चट कर जाते हो।
खुद को मानव बतलाते हो।।

भेद-भाव नहीं मुझको आता।
मेरा दुनिया भर से नाता।।

ऊपर वाले की है माया।
मुझे मिली है सुन्दर काया।।

साफ सफाई करता बेहतर।
मैं हूँ दुनियाभर का मेहतर।। 


13 जनवरी, 2011

" विमोचन समारोह की गूँज"

खटीमा में 9 जनवरी को सम्पन्न हुए
ब्लॉगर्स सम्मेलन की गूँज
समाचार पत्रों में भी सुनाई दी!
दैनिक जागरण
अमर उजाला दैनिक

10 जनवरी, 2011

नन्हें सुमन का विमोचन सम्पन्न

खटीमा। साहित्य शारदा मंच के तत्वावधान में डा0 रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ की सद्यःप्रकाशित दो पुस्तकों क्रमशः सुख का सूरज (कविता संग्रह) एवं नन्हें सुमन (बाल कविता का संग्रह) का लोकार्पण समारोह एवं ब्लॉगर्स मीट का आयोजन स्थानीय राष्ट्रीय वैदिक विद्यालय, टनकपुर रोड, खटीमा (ऊधमसिंह नगर) में सम्पन्न हुआ। 
पुस्तकों का लोकार्पण सभाध्यक्ष डा0 इन्द्रराम, से0नि0 प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय काशीपुर के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिल्ली से आए लोकप्रिय व्यंगकार एवं वरिष्ठ ब्लागर श्री अविनाश वाचस्पति एवं विशिष्ट अतिथि श्री सोहन लाल मधुप, सम्पादक प्रजापति जगत पत्रिका थे तथा आमंत्रित अतिथियों में परिकल्पना ब्लॉग के संचालक लखनऊ से पधारे श्री रवीन्द्र प्रभात, लोक संघर्ष पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक बाराबंकी से पधारे एडवोकेट रणधीर सिंह ‘सुमन’, हसते रहो ब्लॉग के संचालक दिल्ली से पधारे श्री राजीव तनेजा, पद्म सिंह, पवन चंदन, धर्मशाला (हिमांचल प्रदेश) के केवलराम, बेतिया (बिहार) से मंगलायतन ब्लॉग के संचालक मनोज कुमार पाण्डेय के अतिरिक्त बरेली से आए शिवशंकर यजुर्वेदी, किच्छा से नबी अहमद मंसूरी, लालकुऑ (नैनीताल) से श्रीमती आशा शैली हिमांचली, आनन्द गोपाल सिंह बिष्ट, रामनगर (नैनीताल) से सगीर अशरफ, जमीला सगीर, टनकपुर से रामदेव आर्य, चक्रधरपति त्रिपाठी, पीलीभीत से श्री देवदत्त प्रसून, अविनाश मिश्र, डा0 अशोक शर्मा, लखीमपुर खीरी से डा0 सुनील दत्त, बाराबंकी से अब्दुल मुईद, पन्तनगर से लालबुटी प्रजापति, सतीश चन्द्र, मेढ़ाईलाल, रंगलाल प्रजापति, नानकमता से जवाहर लाल, स0 स्वर्ण सिंह, खटीमा से सतपाल बत्रा, पी0एन0 सक्सेना, डा0 सिद्धेश्वर सिंह, रावेन्द्र कुमार रवि, डा0 गंगाधर राय, सतीश चन्द्र गुप्ता, वीरेन्द्र कुमार टण्डन आदि उपस्थित रहे। 
लोकर्पण समारोह के पश्चात विषय प्रवर्तन के अन्तर्गत हिन्दी भाषा और साहित्य में ब्लॉगिंग की भूमिका विषय पर उद्बोधन करते हुए रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि इस समय हिन्दी में लगभग 22 हजार के आसपास ब्लॉग हैं, जबकि यह संख्या अंग्रेजी की तुलना में काफी कम है। अंग्रेजी में इस समय लगभग चार करोड़ से अधिक ब्लॉग्स हैं। हालॉकि यह अलग बात है कि अप्रत्याशित रूप से ब्लॉगिंग विश्व में एशिया का दबदबा कायम है। टेक्नोरेटी के एक सर्वेक्षण के अनुसार विश्व के कुल ब्लॉग्स में से 37 प्रतिशत जापानी भाषा में हैं, 36 प्रतिशत अंग्रेजी में, और 8 प्रतिशत के साथ चीनी तीसरे नम्बर पर है। अभी तुलनात्मक रूप से भले ही हिन्दी ब्लॉग का विस्तार कॉफी कम है किन्तु हिन्दी ब्लॉगों पर एक से एक एक्सक्लूसिव चीजे प्रस्तुत की जा रही हैं और ऐसी उम्मीद की जा रही है की आने वाले समय में हिन्दी ब्लॉगिंग का विस्तार काफी व्यापक होगा।
अविनाश वाचस्पति ने कहा कि ब्लॉगिंग की कार्यशाला विद्यालयों में होनी चाहिए खासकर जूनियर कक्षा के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर के माध्यम से ब्लॉग बनाना सिखाया जाये। इससे हिन्दी ब्लॉगिंग का बहुआयामी विस्तार होगा। जबकि राजीव तनेजा का कहना था कि धीरे-धीरे ब्लॉगिंग समान्तर मीडिया का रूप लेता जा रहा है और आने वाले समय में यह आशा की जा रही है कि ब्लॉगिंग के माध्यम से हिन्दी काफी समृद्ध होगी। इस अवसर पर पवन चन्दन ने कई उद्धरणों के माध्यम से ब्लॉगिंग के विस्तार पर प्रकाश डाला। लोक संघर्ष पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक एडवोकेट रणधीर सिंह ‘सुमन’ ने रहस्योघाटन करते हुए कहा कि हिन्दी के कई ऐसे वरिष्ठ साहित्यकार हैं जो ब्लॉग जगत की गतिविधियों के न जुड़े होने के बावजूद हमारे पास अपनी रचनाएँ प्रेषित करते हैं ताकि उन्हें ब्लॉग में सम्मानजनक स्थान दिया जा सके। जिस दिन यह सभी वरिष्ठ साहित्यकार ऑनलाइन अन्तरजाल से जुड़ जायेंगे मेरा दावा है कि हिन्दी ब्लॉगिंग का परचम पूरी दुनिया में लहरायेगा। 
इस अवसर पर डा0 सिद्धेश्वर सिंह ने हिन्दी ब्लॉगिंग के कई अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी ब्लॉगिंग हिन्दी भाषा और साहित्य को एक नया संस्कार देने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। 
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डा0 रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज हमारी संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का जीवंत प्रसारण अन्तरजाल पर पौडकास्ट के माध्यम से जबलपुर में बैठे श्री गिरीश बिल्लौरे मुकुल द्वारा इसे संचालित किया जा रहा है और पूरी दुनिया इस जीवंत प्रसारण का आनन्द उठा रही है। 
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा0 इन्द्रराम ने कहा कि मेरे लिए यह एक नया अनुभव है कि साहित्य और ब्लॉग जगत से जुड़े हुए रचनाधर्मियों का सानिध्य खटीमा जैसे छोटे से शहर में प्राप्त हो रहा है। 
कार्यक्रम का संचालन श्री रावेन्द्र कुमार रवि द्वारा किया गया।

07 जनवरी, 2011

"खटीमा 9 जनवरी को अवश्य पधारें" (डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक")

9 जनवरी को होने वाले खटीमा (उत्तराखण्ड) ब्लॉगर्स सम्मेलन में 
पहुँचने वाले मित्रों की अद्यतन स्थिति-
राजीव तनेजा, अजय झा और मेरा जाना फाईनल।
मदन विरक्‍त और रामकुमार कृषक भी शामिल हो रहे हैं
पद्म सिंह और पवन चंदन कल सुबह सूचित करेंगे January 06, 2011 8:54 PM
खुशदीप सहगल के फोन का इंतजार है January 06, 2011 8:55 PM
डॉ. दराल और शाहनवाज अन्‍यत्र व्‍यस्‍त रहने के कारण नहीं पहुंच पायेंगे, परंतु उनकी शुभकामनायें पहुंच चुकी हैं। January 06, 2011 8:56 PM
केवल राम जी का अभी धर्मशाला से फोन आया है। वे भी हमारे साथ चल रहे हैं। इनका भी फाईनल। January 06, 2011 9:03 P
र‍वीन्‍द्र प्रभात और सुमन जी लखनऊ से खटीमा पहुंच रहे हैं। रवीन्‍द्र भाई से बात हुई है। January 06, 2011 9:05 PM
डॉ. बृजगोपाल सिंह नोएडा से पहुंच रहे हैं January 06, 2011 9:16 PM
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" ने कहा…
डॉ. राष्ट्रबन्धु कानपुर से, नागेश पाण्डेय संजय शाहजाहँपुर से, सतीश प्रजापति और मिढ़ई लाल पन्तनगर से, नबी आहमद मंसूरी किच्छा से, श्रीमती आशा शैली, आनन्दगोपाल सिंह बिष्ट, लालकुआँ नैनीताल से, श्रीमती मंजू पाण्डेय हल्द्वानी से, मनोज आर्य बिलासपुर से, धीरू सिंह, अनुराग शर्मा और शिवशंकर यजुर्वेदी बरेली से,यूनुस खान नयागाँव से पहुँच रहे हैं! 
थारू राजकीय इण्टर कालेज के हिन्दी प्राध्यापक डॉ. गंगाधर राय, कवि राजकिशोर सक्सेना राज हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर गेन्दालाल शर्मा निर्जन, रूमानी शायर गुरूसहाय भटनागर बदनाम और दिल्ली से प्रजापति जगत के सम्पादक सोहनलाल मधुप,  पीलीभीत से देवदत्त प्रसून और डॉ.अशोक शर्मा भी पधार रहे हैं!
मनोज कुमार कोलकाता से पहुँच रहे हैं! January 06, 2011 9:28 PM
sidheshwer ने कहा…
अरे वाह यह तो बहुत बढ़िया है। 
नए साल में कुछ नया हो , नए मित्र बनें!
शुक्रिया अविनाश जी !
हम भी पहुँच रहे हैं!! January 06, 2011 9:29 PM
खुशदीप भाई की 20 प्रतिशत कन्‍फर्मेशन मिल चुकी है। January 06, 2011 11:41 
अविनाश वाचस्पति ने कहा…
शिवम् मिश्रा जी के आने की भी भनक लगी है। स्‍वागत है भाई। साल का पहला जमावड़ा, खूब जमेगा, सब सर्दी पिघल जाएगी हिन्‍दी ब्‍लॉगरों को देख मिलकर। January 06, 2011 11:42 PM
अविनाश वाचस्पति ने कहा…
........ और
बड़े भाई साहब
हिन्‍दी ब्‍लॉगिग के ??? January 06, 2011 11:43 PM
शिवम् मिश्रा ने कहा…
अविनाश भाई और डॉ.शास्त्री जी आप दोनों से माफ़ी चाहता हूँ ... कुछ जरूरी काम आन पड़े है इस कारण मेरा आना ना हो सकेगा ... पर हाँ हजारी जरूर दर्ज होगी यह वादा है ! शुभकामनाएं और बहुत बहुत बधाइयाँ ! January 06, 2011 11:43 PM
मान्यवर मित्रों! 
आप खटीमा 9 जनवरी को अवश्य पधारें!
यहाँ सिक्खों का गुरूद्वारा श्री नानकमत्तासाहिब में मत्था टेकें।
माँ पूर्णागिरि के दर्शन करें। 
नेपाल देश का शहर महेन्द्रनगर यहाँ से मात्र 20 किमी है।
आप नेपाल की यात्रा का भी आनन्द लें।
मैं आपकी प्रतीक्षा में हूँ!
अपने आने की स्वीकृति मेरे निम्न मेल पते पर देने की कृपा करें।
Email- rcshashtri@uchcharan.com
श्रीमती अमर भारती, डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"
टनकपुर रोड, खटीमा,
ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड, भारत - 262308.
Phone/Fax: 05943-250207, 
Mobiles: 09368499921, 09997996437, 09456383898