मिक्की माउस कितना अच्छा।
लगता है चूहे का बच्चा।।
कितना हँसमुख और सलोना।
यह लगता है एक खिलौना।।
इसकी सूरत सबसे न्यारी।
लीची जैसी आँखें प्यारी।।
तन का काला, मन का गोरा।
मुझको भाता है यह छोरा।।
बालचित्रकार-प्राञ्जल
टॉम-फिरंगी प्यारे-प्यारे। दोनों चौकीदार हमारे।। हमको ये लगते हैं अच्छे। दोनों ही हैं सीधे-सच्चे।। यह हैं नित्य नियम से न्हाते। खुश होकर साबुन मलवाते।। बाँध चेन में इनको लाते। बाबा कंघी से सहलाते।। इन्हे नहीं कहना बाहर के। संगी-साथी ये घरभर के।। सुन्दर से हैं बहुत सलोने। दोनों ही हैं स्वयं खिलौने।। |