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25 जून, 2010
17 जून, 2010
"माँ!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
15 जून, 2010
“भक्तों जोड़ो इनसे नाता” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
11 जून, 2010
"चन्दा-मामा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
08 जून, 2010
“मधुमक्खी है नाम तुम्हारा!” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
06 जून, 2010
"कल मुझको तुम भूल न जाना!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
आम टोकरी भरकर लाया!
घर के लोगों ने जी भरकर,
चूस-चूस कर इनको खाया!!
चूस-चूस कर इनको खाया!!
प्राची बिटिया और प्रांजल,
बड़े चाव से इनको खाते!
मीठे-मीठे और रसीले,
आम बहुत इनको हैं भाते!!
बड़े चाव से इनको खाते!
मीठे-मीठे और रसीले,
आम बहुत इनको हैं भाते!!
राज-दुलारो, नन्हे-मुन्नों,
कल मुझको तुम भूल न जाना!
जब मैं बूढ़ा हो जाऊँगा,
इसी तरह तुम मुझे खिलाना!!
कल मुझको तुम भूल न जाना!
जब मैं बूढ़ा हो जाऊँगा,
इसी तरह तुम मुझे खिलाना!!
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