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06 अगस्त, 2010

"नया राष्ट्र निर्माण करेंगे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

हम भारत के भाग्य विधाता, नया राष्ट्र निर्माण करेंगे ।
निज-भारत के लिए निछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।। 
गौतम, गाँधी, इन्दिरा जी की, हम ही तो तस्वीर हैं,
हम ही भावी कर्णधार हैं, हम भारत के वीर हैं,
भेद-भाव का भूत भगा कर, चारु राष्ट्र निर्माण करेंगे ।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।।

चम्पा, गेन्दा, गुल-गुलाब ने, पुष्प-वाटिका महकाई,
हिन्द, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में भाई-भाई,
सब मिल-जुल कर आपस में, सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण करेगे ।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।।
भगतसिंह, अशफाक -उल्ला की, आन न हम मिटने देगे,
धर्म-मजहब की खातिर अपनी ,शान न हम मिटने देंगे,
कौमी -एकता को अपना कर धवल -राष्ट्र निर्माण करेंगे ।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर,हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।।
दिशा-दिशा में, नगर-ग्राम में, बीज शान्ति के उपजायेंगे,
विश्व शान्ति की पहल करेंगे, राष्ट्र पताका लहरायेंगे,
भारत के सच्चे प्रहरी बन, स्वच्छ राष्ट्र निर्माण करेंगे ।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।।

9 टिप्‍पणियां:

  1. स्वतन्त्रता दिवस की बधाई।
    एडवान्स में

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  2. बहुत बढ़िया प्रस्तुति...आभार

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  3. देश भक्ति से ओत प्रोत सुन्दर रचना ...

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  4. देश प्रेम की एक लाजवाब कविता।

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  5. देश प्रेम से ओतप्रोत शानदार रचना!

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  6. aadarniy sir,
    desh bhakti ki bhavnao se ot-prot tatha ojpurn aapki yah rachnaman ko punah ek naye sandesh se bhar dene wali hai.kavita bahut hi achhi lagi .
    poonam

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  7. सुन्दर कविता...सुन्दर सन्देश...
    ____________
    'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.

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  8. देशभक्ति पर आपने बहुत ही सुन्दर कविता लिखा है!

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