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08 मई, 2011

"सिखलाती गुणकारी बातें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

चाट-चाट कर सहलाती है।
करती जाती प्यारी बातें।
खुश होकर करती है अम्मा,
मुझसे कितनी सारी बातें।।
बहुत चाव से दूध पिलाती,
बिन मेरे वो रह नहीं पाती,
सीधी सच्ची मेरी माता,
सबसे अच्छी मेरी माता,
ममता से वो मुझे बुलाती,
करती सबसे न्यारी बातें।
खुश होकर करती है अम्मा,
मुझसे कितनी सारी बातें।।
दुनियादारी के सारे गुर,
मेरी माता मुझे बताती,
हरी घास और भूसा-तिनका,
खाना-खाना भी बतलाती,
जीवन यापन करने वाली,
सिखलाती गुणकारी बातें।
खुश होकर करती है अम्मा,
मुझसे कितनी सारी बातें।।

16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर कविता है । अच्छा लगा ।

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  2. बहुत सुन्दर कविता...

    happy mothers day...
    क्या सीरत थी, क्या सूरत थी..
    पाँव छुए और बात बनी, अम्मा एक मुहूर्त थी...

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  3. बहुत सुन्दर और प्यारी गीत!

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  4. नन्हे -मुन्हे बच्चो के लिए एक नन्हा -सा गीत

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  5. सुंदर कविता ...प्यारे चित्र ....

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  6. बहुत सुंदर कविता है ....चित्रे तो बहुत ही मनमोहक हैं......

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  7. कविता बहुत ही प्यारी ,सरल व गेय लगी ।मां तो मां ही होती है चाहे वह किसी की हो।कविता गुनगुनाते समय मां के प्रति श्रद्धा उपजती है ।
    सुधा भार्गव

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  8. बहुत सुन्दर बाल गीत्। धन्यवाद|

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